मध्य प्रदेश के प्रथम शासकीय नर्सरी पोर्टल में आपका स्वागत है

आवश्यक सूचना

उद्यानिकी विभाग के पत्र क्रमांक 736 के निर्देशानुसार एकीकृत बागवानी मिशन (MIDH) योजना वर्ष 2022-23 में पोस्‍ट हार्वेस्‍ट मैनेजमेंट अन्‍तर्गत कोल्‍ड रूम (स्‍टेजिंग), शीतगृह (कोल्‍ड स्‍टोरेज) टाईप- 1, कोल्‍ड चेन का तकनीकी अधिष्‍ठापन एवं आधुनिकीकरण, रिफर वेन, राईपनिंग चेम्‍बर, इंटीग्रेटेड पैक हाउस विथ फेसिलिटी फॉर कनवेयर बेल्‍ट, शार्टिग, गेंडिंग युनिट, वॉशिंग, ड्राईंग एण्‍ड वेजिंग एवं रूलर मार्केट्स/ अपनी मंडीज/डयरेक्‍ट मार्केटस आदि घटकों में विज्ञाप्ति जारी कर निर्धारित समय सीमा में आवेदकों/उद्यमियों से पोर्टल पर ऑनलाईन आवेदन बुलाये गये थे । अधिकांश आवेदकों/उद्यमियों द्वारा आवश्‍यक दस्‍तावेज पोर्टल पर अपलोड नही किये गये है । ऐसे आवेदकों/उद्यमियों को दस्‍तावेज अपलोड करने हेतु एक सप्‍ताह (22 जनवरी तक) का अवसर दिया जाता है ।

विभिन्न योजनाये

फल पौध रोपण योजना

प्रदेश की भूमि, जलवायु तथा सिंचाई सुविधा की उपलब्धता के आधार पर यह योजना प्रदेश में संचालित है । योजना के अन्तर्गत प्रत्येक कृषक को 0.25 से 4.00 हेक्टेयर तक फल पौध रोपण पर अनुदान देय है।

सब्जी क्षेत्र विस्तार योजना

यह योजना प्रदेश में संचालित है, योजना के अंतर्गत विभिन्न अनुदान दिये जाने का प्रावधान है। योजना में एक कृषक को 0.25 हेक्टर से लेकर 2 हेक्टर तक का लाभ दिया जा सकता है।

मसाला क्षेत्र विस्तार योजना

प्रदेश में मसाला क्षेत्र विस्तार योजना अंतर्गत कृषकों के लिये विभिन्न अनुदान दिये जाने का प्रावधान है। योजना में एक कृषक को 0.25 हेक्टर से लेकर 2 हेक्टर तक का लाभ दिया जा सकता है।

नर्सरी परीसंपत्तिया

  • निर्माण के पहले
    निर्माण के बाद
    वरिष्ठ उद्यान विकास अधिकारी विकासखंड लटेरी परिसंपत्ति
  • निर्माण के पहले
    निर्माण के बाद
    संभागीय कृषक प्रशिक्षण भवन नर्मदा पुरम संभाग
  • निर्माण के पहले
    निर्माण के बाद
    पोलो गार्डन पचमढ़ी
  • निर्माण के पहले
    निर्माण के बाद
    शासकीय पौधशाला खारचाखेड़ी
  • निर्माण के पहले
    निर्माण के बाद
    शास. संजय निकुंज कचनारिया

प्रसिद्ध पौधे एवं विशेषताएं



औषधीय-पौधे

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औषधीय पौधों को भोजन, औषधि, खुशबू, स्वाद, रंजक और भारतीय चिकित्सा पद्धतियों में अन्य मदों के रूप में उपयोग किया जाता है। औषधीय पौधों का महत्व उसमें पाए जाने वाले रसायन के कारण होता है। औषधीय पौधों का उपयोग रोगों के उपचार में किया जाता है।



फूल-पौधे

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फूल-पौधे जिसे पुष्प भी कहा जाता है, जनन संरचना है जो पौधों में पाए जाते हैं। फूलो को मनुष्य के द्वारा सजावट और औषधि के लिए उपयोग में लाया जाता है। इसके अलावा घरों और कार्यालयों को सजाने में भी इनका उपयोग बहुतायत से होता है। भारत में पुष्प की खेती एक लंबे अरसे से होती रही है, लेकिन आर्थिक रूप से लाभदायक एक व्यवसाय के रूप में पुष्पों का उत्पादन पिछले कुछ सालों से ही प्रारंभ हुआ है।



सजावटी-पौधे

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सजावटी पौधों वे वे पौधे हैं जो हमें बहुत अच्छी सजावट के साथ एक पर्यावरण देते हैं, सुखद सुगंध के साथ रंगीन संसेचन। मुख्य उद्देश्य घरों, उद्यानों, पार्कों और इसे प्राकृतिक आकर्षण और बढ़ी हुई सुंदरता प्रदान करने वाले रास्ते को सजाने के लिए है।



फलिय-पौधे

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फलिय-पौधे उन वृक्षों को फलदार वृक्ष कहते हैं जिन पर लगने वाले फल मनुष्य एवं कुछ जानवरों के खाने के काम आते हैं। पुष्प वाले सभी वृक्ष फल भी देते हैं। फल वास्तव में पुष्प का पका हुआ अण्डाशय ही है। इनमें एक या अधिक बीज होते हैं।

Nursery Reviews

3.5

शासकीय उद्यानिकी प्रक्षेत्र कुठार
(भोपाल)

5

शासकीय मॉडल रोपणी कान्हासैया
(भोपाल)

3.5

शास. उद्यान कोठीबाग नरसिंहगढ़
(राजगढ़)

5

शास. उद्यान, मटकुली
(नर्मदापुरम)

4

शास. उद्यान रोपणी, गूजरवाड़ा
(नर्मदापुरम)

5

शास. पोलो उद्यान, पचमढी
(नर्मदापुरम)

4

शासकीय छोटी रोपणी सीहोर
(सीहोर)

4

शास. उद्यान रोपणी, बिछुआ
(नर्मदापुरम)

3

शास. उद्यान, रामपुर
(नर्मदापुरम)

4.5

शास. उद्यान, बैतूल
(बेतुल)

5

शास. राजेन्द्र गिरी उद्यान, पचमढी
(नर्मदापुरम)

3

शास. उद्यान रोपणी, जमुनिया
(नर्मदापुरम)

4

शास. उद्यान मण्डला
(मंडला)

3

दमोह नर्सरी
(दमोह)
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